हरियाणा

सिविल अस्पताल में शनिवार को विश्व टीबी (क्षय) रोग दिवस मनाया गया

सत्यखबर, जींद(इंदरजीत शर्मा )

Haryana Home Stay Scheme: हरियाणा में शुरू हुई ऐसी स्कीम, जिससे युवा घर बैठे बन सकते हैं उद्यमी!
Haryana Home Stay Scheme: हरियाणा में शुरू हुई ऐसी स्कीम, जिससे युवा घर बैठे बन सकते हैं उद्यमी!

सिविल अस्पताल में शनिवार को विश्व टीबी (क्षय) रोग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डा. संजय दहिया ने टीबी जागरूकता वैन को हरी झंडी दिखा कर जिला मुख्यालय से रवाना किया। यह क्षय रोग जागरूकता वैन जिला जींद के तहत आने वाले सभी प्राइवेट अस्पतालों, स्लम क्षेत्र में जा कर क्षय रोग से संबंधित जानकारी सांझा करेगी।  टीबी जागरूकता वैन में चल रहे टीबी संैंटर के चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य कर्मचारी जगह-जगह पर लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करते हुए टीबी के प्रमुख लक्षण, टीबी मुफ्त जांच एवं टीबी के मुफ्त ईलाज के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत के सपने को साकार किया जा सके। डिप्टी सिविल सर्जन (टीबी) डा. मंजुला ने बताया कि विश्व क्षय रोग दिवस पूरे विश्व में 24 मार्च को घोषित किया गया है और इसका ध्येय है, लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिए कदम उठाना। टीबी अर्थात ट्यूबरक्लोसिस एक संक्रामक रोग होता है, जो बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह बैक्टीरिया शरीर के सभी अंगों में प्रवेश कर जाता है। हालांकि यह ज्यादातर फेफड़ों में ही पाया जाता है। इसके अलावा आंतों, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय भी टीबी से ग्रसित हो सकते हैं। टीबी बैक्टीरिया सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचता है तो वह कई गुना बढ़ जाता है और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे बढऩे से रोकती है लेकिन जैसे-जैसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है, टीबी के संक्रमण की आशंका बढ़ती जाती है। डिप्टी सीएमओ डा. राजेश भोला ने कहा कि भारत में टीबी के फैलने का एक मुख्य कारण इस बीमारी के लिए लोगों का सचेत नहीं होना और इसे शुरूआती दौर में गंभीरता से नहीं लेना है। टीबी किसी को भी हो सकता है, इससे बचने के लिए कुछ सामान्य उपाय भी अपनाए जा सकते हैं। टीबी से संक्रमित रोगियों के कफ से, छींकने, खांसने, थूकने और उनके द्वारा छोड़ी गई सांस से वायु में बैक्टीरिया फैल जाते हैं, जोकि कई घंटों तक वायु में रह सकते हैं। इससे स्वस्थ व्यक्ति भी आसानी से इसका शिकार बन सकता है, इसलिए रोगी को अपना मुंह कपड़े से ढक लेना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति के कपड़े छूने या उससे हाथ मिलाने से टीबी नहीं फैलता। डा. राजेश भोला ने टीबी के लक्षणों के बारे में बताया कि 2 हफ्ते से ज्यादा खांसी, बुखार (जो खासतौर पर शाम को बढ़ता है), छाती में तेज दर्द, वजन का अचानक घटना, भूख में कमी आना, बलगम के साथ खून का आना, बहुत ज्यादा फेफड़ों का इन्फैक्शन होना, सांस लेने में तकलीफ होना है। भोला ने टीबी से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि 2 हफ्तों से अधिक समय तक खांसी रहती है तो चिकित्सक को दिखाएं। इस अवसर पर डा. वीएस राघव, डा. संदीप लौहान, जगबीर चहल, उदयवीर सिंह, ऋषिपाल सिंह, राकेश कुमार, नरेश रानी सहित अनेक स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।

Haryana News: स्वास्थ्य नहीं मौत बांट रहे थे ये नर्सिंग होम! विभाग ने पकड़ा चौंकाने वाला अपराध
Haryana News: स्वास्थ्य नहीं मौत बांट रहे थे ये नर्सिंग होम! विभाग ने पकड़ा चौंकाने वाला अपराध

Back to top button